यहाँ वहाँ-जहाँ तहाँ, मत पूछो कहाँ कहाँ,हैं फ्लाई ऐश के ढेर…मची है चारों तरफ अन्धेर… क्षेत्रीय अधिकारियों के चेहरे बदले पर ना बदली कार्यशैली… नतीजा:- बदरंग होती रायगढ़ की तस्वीर…
घने जंगलों से आच्छादित रायगढ़ की धरा आज वन विहीन होकर प्रदूषण की काली छाया से घिरी हुई है…
रायगढ़। उद्योगों से निकलने वाली अपशिष्ट फ्लाई ऐश के उचित निपटान के लिए बनी गाईड लाइन का कितना पालन रायगढ़ जिले के अंतर्गत किया जा रहा है इसका उदाहरण नीचे दर्शित तस्वीरों से स्पष्ट है।यही नहीं पड़ोसी जिले चाम्पा जांजगीर के डभरा ब्लॉक में स्थित डीबी पॉवर से निकलने वाली फ्लाई ऐश को बंद पड़ी खदानों के भराव की अनुमति देने में क्षणिक भी देर न करना और उसके ट्रांसपोर्टर के द्वारा यत्र तत्र फेंकने की शिकायत पर बजाए कार्यवाही करने नियमों का हवाला देकर छूट देना सिर्फ और सिर्फ पर्यावरण संरक्षण मंडल रायगढ़ में ही सम्भव है।
सावित्री नगर के पास सेठ जी का प्लॉट जिसमें एसकेएस से गुडेली जाने के लिए निकली फ्लाई ऐश से लैंड फिलिंग करवाई जा रही है।नेशनल हाईवे ग्राम पटेलपाली स्थित पेट्रोल पंपग्राम लाखा केलो डैम परिवर्तित मुख्य मार्गग्राम अतरमुड़ा पेट्रोल पंप के पीछे दो महीने पहले फ्लाई ऐश से पाटे जाने की तस्वीर
दर्जनों शिकायतें हुईं लेकिन मजाल है कि कभी कोई ठोस कार्यवाही की गई हो 👇👇👇
रायगढ़ घरघोड़ा मुख्य मार्ग स्थित ग्राम गेरवानी की कोटवारी भूमि को अवैधानिक रूप से हजारों टन फ्लाई ऐश से पाटा जाकर व्यवसायिक उपयोग में लाया जा रहा है। फ्लाई ऐश पाटे जाने की शुरुआत में ही वर्ष 2016 में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय में शिकायत उपरांत दर्ज प्रकरण में मात्र आइन्दा और फ्लाई ऐश न पाटे जाने की हिदायत देता हुआ आदेश पारित किया गया था।उक्त आदेश का पालन कितनी संजीदगी के साथ किया गया, यह तस्वीर से स्पष्ट है।