🔴रायगढ़ जिला के भ्रष्ट-उद्योगपतियों के साथ कलेक्टर भीम सिंह बैखौफ संविधान व पर्यावरण कानून का खुला उल्लंघन कर जिले को धूल-धुआँ में झोककर बीमारियों व मौत का गढ़ बनाने में सफल हैं।
🔴जिले में प्रदूषण के संरक्षण वर्तमान सांसद गोमती साय,मंत्री उमेश पटेल,विधायक प्रकाश नायक, विधायक चक्रधरसिदार,विधायक लालजीत राठिया,विधायक उत्तरी जाँगड़े उद्योग प्रतिनिधि की भूमिका बखूबी निभा रहे है।
🔴विपक्षी दलों के शीर्षस्थ नेता अपनी पारी के इंतजार में मौन व्रत का पालन कर रहे हैं। दुख इस बात का है कि आप और मेरे जैसी जनता ने जो इन जनप्रतिनिधियों को चुना है,उन्हें हमारी और पर्यावरण की समश्याओं से कोई लेना देना नही है। वे सभी निजी सुख-सुविधाओं रूपी कब्र के सौ फीट नीचे चैन से सो रहे है। हमसे किसी तरह वोट लेना ही उनका एकमात्र कर्तव्य है।
🔴ऐसे में आप यह कह सकते है कि विगत 30 वर्षो से चुने हमारे महान जनप्रतिनिधियों के द्वारा बनाये
” सुग्घर रईगढ़ “में आपका हार्दिक स्वागत् है।
🔴यहां अंधाधुंध औद्योगिकीकरण,जानलेवा प्रदूषण,सड़क दुर्घटनाओं में रोजाना होने वाली मौत बेहद आम बात हैं। आप यहां कुछ मिनट सांस लेकर आप विभिन्न तरीकों के विषैले औद्योगिक रसायन अपने शरीर के अंदर प्रवेश करवा सकते है।
फिलहाल मैं और मेरे जागरूक साथी जिन्हें जिले के पर्यावरण और कीमती जीवन की चिंता है वो इस तरह की अवैधानिक-जनसुनवाईओं के विरोध में बंजारी धाम-रायगढ़ में धरने पर मेरे साथ बैठे हैं। मैं अपना अनिश्चित कालीन आमरण अनशन की घोषणा कर चुका हूँ। आने वाले समय मे हम आर्थिक नाकेबन्दी की योजना भी बना रहे हैं।अब या तो अवैधानिक जन सुनवाइयों पर रोक लगेगी या मेरे प्राण जिला प्रशासन लेगा यह कहना है अंचल सहित देश प्रदेश में विख्यात पर्यावरण प्रेमी, समाजसेवी राधेश्याम शर्मा का।
आपको बता दें कि राधेश्याम शर्मा पिछले कुछ दिनों से अपने साथियों एवं ग्रामीणों सहित अवैधानिक-जनसुनवाईयों,बढ़ते प्रदूषण, औद्योगिक हादसों के विरोध में ग्राम तराईमार के बंजारी धाम में अनशनरत हैं। आमरण अनशन मे बैठे राधेश्याम शर्मा कल सुबह बंजारी मंदिर से रायगढ़ तक अंधे, बहरे, गूंगे हो चुके प्रशासन एवं सरकार को जगाने एवं जनजागरूकता लाने बंजारी धाम से जिला मुख्यालय रायगढ़ तक पदयात्रा करने जा रहे हैं।जन चेतना मंच के प्रख्यात पर्यावरण प्रेमी और अंधाधुंध औद्योगिक विकास के विरोधी राजेश त्रिपाठी ने भी आम लोगों से अपील की है कि वे ज्यादा से ज्यादा की संख्या में शामिल होकर पर्यावरण को बचाने इस आंदोलन में अपनी सहभागिता निभाएं।