संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत भारती संगठन की बैठक पेंशन बाड़ा में हुई। इसमें मार्गदर्शन देने दिल्ली से अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्रीश देव पुजारी और इंदौर से क्षेत्र संगठन मंत्री प्रमोद पंडित पहुंचे। संस्कृत भारती के प्रचार प्रमुख चंद्रभूषण शुक्ला ने बताया की छत्तीसगढ़ में संस्कृत संभाषण और संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने और संगठन को मजबूती देने के उद्देश्य से यह विशेष बैठक आयोजित की गई।
श्रीश देव पुजारी एवं प्रमोद पंडित ने अपने वक्तव्य में बताया की संस्कृत के बड़े-बड़े शिक्षकों और डिग्रीधारियों को चार लाइन संस्कृत में बात करना नहीं आता इसलिए उन्हें और सभी शिक्षा प्रेमी को संस्कृत संभाषण शिक्षा के प्रति ध्यान देना चाहिए। संस्कृत भारती पत्राचार द्वारा भी शिक्षा देती है। लोग घर में ही पढ़कर संस्कृत शिक्षा के विद्वान बन सकते हैं।
युवा पीढ़ी और पढ़ने वाले बच्चों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए और कैरियर के रूप में अपनाना चाहिए। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि संस्कृत भारती के नेतृत्व में हर साल निश्शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। अब तक दो हजार से अधिक युवाओं को संस्कृत बोलना सिखाया जा चुका है। कॉलेज में पढ़ रहे बच्चों को भी वार्तालाप का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
संस्कृत भारती के प्रशिक्षण में एक सप्ताह तक 24 घंटे संस्कृत में ही बोली जाती है। उक्त बैठक में संस्कृत भारत छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र सिंह सेंगर, प्रांत मंत्री डॉ. दादूभाई त्रिपाठी, शिक्षण प्रमुख डॉ. लक्ष्मीकांत पंडा, हेमंत साहू, प्रांत सदस्य डॉ. प्रवीण झाड़ी, महानगर संयोजक डॉ. बहुरन सिंह पटेल, महानगर प्रमुख डॉ. वैभव कान्हे आदि प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित हुए।