केंद्र सरकार जब से तीन नए कृषि कानून लेकर आई है किसान और किसान संगठन इसके खिलाफ लामबंद हैं। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की सीमाओं पर इन कानूनों के खिलाफ किसान लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी विरोध का प्रदर्शन करने के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत समेत अन्य समर्थक संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था। सोमवार की शाम टिकैत ने कहा कि हमारा भारत बंद सफल रहा। हमें किसानों से पूरा समर्थन मिला। हम सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है।
भाकियू (भानु) ने भारत बंद को आतंकवादी हरकत करार दिया
एक ओर संयुक्त किसान मोर्चा ने देशव्यापी भारत बंद का आह्वान किया तो दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने लोगों से इस भारत बंद का समर्थन न करने की अपील की। उत्तर प्रदेश के एटा में एक प्रेसवार्ता में उन्होंने इसे आतंकी हरकत करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को ऐसे संगठनों को दबाने की कोशिश करनी चाहिए जो आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं। उधर, भाकियू के तोमर गुट ने भी आज के भारत बंद को समर्थन नहीं दिया जबकि वह इसका आह्वान करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल है।
भीषण जाम से जूझे दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और पंजाब
भारत बंद के कारण दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब में यातायात व्यवस्था प्रभावित रही। कई प्रमुख मार्गों पर भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। नोएडा के डीएनडी में भीषण जाम लग गया। दिल्ली-गाजीपुर की तरफ से आने-जाने वाले दोनों मार्गों को यातायात के लिए प्रतिबंधित किया गया था। वहीं, गुरुग्राम-दिल्ली सीमा पर भी हालात गंभीर बने रहे और सैकड़ों वाहन लंबे समय तक जाम में फंसे रहे। इसके अलावा कई राज्यों में रेल यातायात भी प्रभावित रहा। कुछ ट्रेनों को रेलवे ने ही रद्द कर दिया था तो कुछ को प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया।
वहीं, पंजाब के बनूड़ खरड़ हाईवे पर सनेटा में किसानों ने सरकारी बसों समेत सभी वाहनों की आवाजाही रोक दी। पश्चिमी यूपी के सभी जिलों में चिह्नित मार्ग व चौराहों पर किसान संगठन जाम लगाते हुए धरने पर बैठे रहे। मेरठ में किसान संगठन रात से ही तैयारियों में जुट गए थे। सैकड़ों किसानों ने रात कमिश्नरी पर गुजारी और सुबह दस बजते ही चक्का जाम शुरू कर दिया। शहर के व्यापारियों ने भी बाजार बंद रखे। हालांकि, कई जिलों में बाजार सामान्य दिनों की तरह ही खुले, लेकिन कई स्थानों पर किसान नेताओं ने खुली दुकानों को बंद करवा दिया।
कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे एक किसान की मौत
भारत बंद के दौरान कुंडली बॉर्डर पर कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर जारी आंदोलन में शामिल पंजाब के एक किसान की मौत हो गई है। शुरुआती जांच में मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही मौत के सही कारणों का पता लग सकेगा। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल में भिजवा दिया है। मृतक की पहचान पंजाब के जिला जालंधर के गांव खेला के रहने वाले बघेल राम (55) के तौर पर हुई है, जो कुंडली बॉर्डर पर जारी आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए आए थे।
राजस्थान में दिखा भारत बंद का असर, बंद रहे बाजार
राजस्थान के कई जिलों में भारत बंद का असर देखने को मिला। यहां के कृषि प्रधान गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में प्रमुख मंडियां और बाजार पूरी तरह बंद रहे। किसानों ने कई प्रमुख मार्गों पर रैलियां निकालीं और बैठकें कीं। बीकानेर, सीकर और नागौर जैसे जिलों के कई कस्बों में मंडियां और बाजार आंशिक रूप से ही खुलीं। इसके साथ ही राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में भारत बंद ने रेल सेवाओं को भी प्रभावित किया। दूसरी ओर, प्रदेश की राजधानी जयपुर में भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से रैली निकाली।
हरियाणा: सड़क के साथ-साथ रेल मार्ग भी किए बाधित
हरियाणा के सोनीपत के गन्नौर स्थित भारतीय अंतरराष्ट्रीय बागवानी मार्केट के सामने किसानों ने नेशनल हाईवे 44 जाम कर दिया। चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले रास्ते पर पत्थर लगा दिए गए। फतेहगढ़ में किसान रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर प्रदर्शन किया। रोहतक में प्रदर्शनकारियों ने स्टेट हाईवे जाम कर दिया। सोनीपत रेलवे स्टेशन पर ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के सदस्यों ने सोनीपत से अंबाला रेलवे रूट बंद कर दिया। इसके साथ ही झज्जर में बेरी के भागलपुरी चौक पर भी किसानों ने जाम लगा दिया।
गुजरात: थोड़ी यातायात दिक्कत के साथ सामान्य रही स्थिति
गुजरात में इस दौरान स्थिति लगभग सामान्य ही रही। हालांकि, कुछ स्थानों से थोड़ी देर के लिए राजमार्गों पर यातायात बाधित होने की खबर आई। इसके अलावा राज्य में कुछ स्थानों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए और कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया। सूरत से मुंबई के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग कुछ देर के लिए बंद रहा। प्रदर्शनकारियों ने यहां टायर जला दिए। पुलिस ने 25 लोगों को हिरासत में लेकर यातायात व्यवस्था बहाल करवाई। वहीं, सूरत में किसानों के एक समूह को अपना प्रदर्शन शुरू करने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया।
मध्यप्रदेश: भारत बंद का नहीं दिखा कुछ विशेष असर
मध्यप्रदेश में भारत बंद का कुछ खास प्रभाव देखने को नहीं मिला। यहां दैनिक और आर्थिक गतिविधियां रोज की तरह ही संचालित होती रहीं। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की राजधानी भोपाल और व्यावसायिक केंद्र इंदौर में यातायात व्यवस्था सामान्य रही। हालांकि, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार कक्काजी ने दावा किया कि भारत बंद पूरी तरह सफल रहा। उन्होंने दावा किया कि भोपाल में राहत इसलिए रही क्योंकि यहां पर अधिकतर नौकरीपेशा और व्यवसायी रहते हैं, किसान नहीं।
जम्मू: रैलियां और प्रदर्शनों के साथ कानून वापसी की मांग
केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के जम्मू जिले में कई स्थानों पर विरोध-प्रदर्शनों और रैलियों का आयोजन किया गया। सीपीआई (एम) नेता एमवाई तारिगामी की अगुवाई में सैकड़ों कार्यकर्ता और किसान सड़कों पर उतरे और मुख्य मार्ग पर धरना दिया। इससे यहां पर लोगों को यातायात संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। जिले में जम्मू एवं कश्मीर किसान तहरीक ने प्रदर्शन आयोजित किए। इसके अलावा किसान नेता राशिद पंडित के नेतृत्व में श्रीनगर में भी ऐसा ही एक विरोध-प्रदर्शन आयोजित हुआ।
उत्तराखंड: मिला-जुला रहा किसानों के भारत बंद का असर
उत्तराखंड के कई जिलों में बंद का असर दिखाई दिया। हालांकि, ऊधमसिंहनगर में इसका विशेष प्रभाव नहीं दिखाई दिया तो रुद्रपुर में किसानों, व्यापार मंडल पदाधिकारियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला। इस दौरान किसान नेता साहब सिंह सेखो ने मांग पूरी न होने पर आत्मदाह की धमकी दी। प्रदर्शनकारियों ने बाजपुर में हाईवे पर वाहनों को रोक दिया। जसपुर में जुलूस निकालकर बाजार बंद कराए गए। हरिद्वार में भी जुलूस निकला। पुलिस ने किसानों को ज्वालापुर से पहले एकड़ कला गांव में रोका तो किसान वहीं धरना करने लगे।
महाराष्ट्र: जनजीवन अप्रभावित, गैर भाजपा दलों ने किए प्रदर्शन
महाराष्ट्र में कारोबारी प्रतिष्ठान और स्थानीय यातायात व्यवस्था सामान्य दिनों की तरह ही चलती रही। हालांकि, प्रदेश में गैर भाजपा राजनीतिक दलों की ओर से भारत बंद के समर्थन में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया। पुणे में एक एपीएमसी बंद रही और नागपुर में किसान समर्थक संगठनों ने सड़क जाम कर दी। यहां कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर बाद में छोड़ दिया गया। मुंबई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए लेकिन यहां भी स्थिति लगभग सामान्य ही बनी रही। पुलिस को अतिरिक्त बल तैनात करने की आवश्यकता भी नहीं पड़ी।
अरुणाचल प्रदेश में पूरी तरह से बेअसर रहा भारत बंद
अरुणाचल प्रदेश में भारत बंद का कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला। समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक रिपोर्ट में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक यातायात समेत सभी सेवाएं, बैंक और कारोबारी प्रतिष्ठान सामान्य रूप से संचालित होते रहे। राज्य की राजधानी ईटानगर में भी किसी तरह का कोई विरोध प्रदर्शन होने की खबर नहीं मिली और आम जनजीवन आम दिनों की तरह ही चलता रहा। पुलिस अधिकारी के अनुसार राज्य के बाकी हिस्सों में भारत बंद का कोई असर नहीं दिखा है।
( अमर उजाला से साभार )