मुर्गी के दड़बे जैसी जगह आनंद फार्मेसी में हो रहा है इंसानों का ईलाज/भीड़भाड़ के चलते संक्रमण फ़ैलने का ज़्यादा ख़तरा.
प्रशासन की अनदेखी का खामियाजा भुगत रही है जनता.
सोनोग्राफी, डाइग्नोस्टिक सेंटर में सट कर बैठे मरीज़ एवं परिजन(फ़ाइल फ़ोटो)
क्लीनिकों, अस्पतालों,सोनोग्राफी, पैथोलॉजी सेंटरों में सोशल डिस्टेंसिंग मात्र सूचना फ़लक तक है सीमित.
बगैर लायसेंस के आज भी शहर में संचालित हो रहे हैं अवैध क्लीनिक जिनमें सबसे ज्यादा संक्रमण बढ़ने का खतरा है.
रायगढ़।पिछले दिनों में रायगढ़ जिले में सबसे बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई।त्योहारी सीजन देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने बाजार के खुलने के समय में संशोधन करते हुए समयावधि को बढ़ाया है जिसमें दिशानिर्देशों का उचित परिपालन न होने से संक्रमण के बढ़ने का खतरा विशेषज्ञों द्वारा व्यक्त किया जा रहा है।ठण्ड और वायु प्रदूषण के बढ़ने पर स्थिति के भयावह होने की आशंकाएं भी व्यक्त की जा रही हैं।ऐसे में सिर्फ जागरूकता एवं सावधानी ही कोरोना से बचाव का एकमात्र हथियार के रूप में विकल्प बचता है।रायगढ़ एवं आसपास के क्षेत्रों में निजी क्लीनिकों, अस्पतालों, जाँच केंद्रों में सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य बरती जाने वाली सावधानी में हो रही लापरवाही बहुत बड़े खतरे को आमंत्रित कर रही है जिसपर समय रहते ध्यान देने के साथ साथ सख्ती बरतने की आवश्यकता है अन्यथा कोविड 19 की सुनामी में रायगढ़ जिले को बहने से रोकना असम्भव होगा।
आनंद फार्मेसी पर प्रशासन की छप्पर फाड़ मेहरबानी:-
नर्सिंग होम एक्ट के तहत आवश्यक अर्हताओं एवं परिपालन में पूर्णतः विफ़ल आनंद फार्मेसी के संचालकद्वय पर न जाने प्रशासन क्यों इतना मेहरबान है कि बिना किसी लायसेंस के आज तलक उक्त अवैध क्लिनिक जिसमें मरीजों का ईलाज एल्योपैथी पद्धति से धड़ल्ले से किया जाता है, कोई भी कार्यवाही करने से बचता है।सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार आनंद फार्मेसी नामक क्लिनिक को उक्त स्थान पर चलाने की अनुमति अभी तक नही प्रदाय की गई है।सस्ते ईलाज के फेर में पड़कर रोज़ाना इस क्लीनिक में सैकड़ों की संख्या में मरीज एवं उनके परिजन कोविड 19 के संक्रमण से बचने हेतु जारी दिशा निर्देश सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य का उल्लंघन करते आसानी से देखे जा सकते हैं लेकिन सिर्फ प्रशासन को ही यह सब नहीं दिखाई देता।
कोरोना से बचने लॉक डाउन का विकल्प हो चुका है ख़त्म :– पिछले कुछ महीनों में लॉक डाउन की वजह से व्यापार एवं उद्योगों के बंद रहने की वजह से आर्थिक संकट गहरा गया है,इससे आम जनता को उबारने अभी हाल फिलहाल सरकार के पास न तो कोष है और न ही ऐसी कोई योजना जिसपर अमल कर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पुनः लॉक डाउन किया जा सके साथ ही त्यौहारी सीजन के चलते अभी और लॉक डाउन लगने की संभावना नहीं के बराबर है लेकिन संक्रमण का खतरा लाल निशान को छू रहा है ऐसे में एकमात्र विकल्प सावधानी एवं जागरूकता ही है जो हमें कोविड 19 के ख़तरे से बचा सकती है।
क्या कहते हैं एस डी एम:-मामला गंभीर है।हमने सभी को सावधानी बरतने सख्त हिदायत दी है।उल्लंघन करने पर जरूर कार्रवाई की जाएगी।(देखें वीडियो)