⭕दुर्भाग्य से भारत में लोग Supermoon की घटना को नहीं देख पाएंगे, क्योंकि उस समय यहां सुबह के 8 बज रहे होंगे और रोशनी ज्यादा होगी। हालांकि, देश में सुपरमून देखने के इच्छुक लोग इस इवेंट को ऑनलाइन लाइव देख सकते हैं।
⭕भारत में सुपर पिंक मून सुबह 8:05 बजे दिखाई देगा
⭕उजाले की वजह से भारत में आसमान में नहीं देखेगा सुपरमून
⭕लेकिन पूरी घटना को घर बैठे ऑनलाइन देख सकेंगे भारतीय नागरिक
2020 का अगला सुपरमून 8 अप्रैल को दोपहर 2:35 बजे जीएमटी ( सुबह 8:05 बजे आईएसटी) पर दिखाई देगा और इसे देखने के इच्छुक लोगों के लिए यह एक खास अनुभव होगा, क्योंकि यह इस साल का सबसे चमकदार और सबसे बड़ा फुल मून होगा। अप्रैल पूर्णिमा को पारंपरिक रूप से गुलाबी चंद्रमा (पिंक मून) के रूप में जाना जाता है और इसे इस साल का सुपर पिंक मून कहा जाएगा क्योंकि यह पूर्णिमा होने के अलावा सुपरमून भी है। दुर्भाग्य से भारत में लोग इस घटना को नहीं देख पाएंगे, क्योंकि उस समय यहां सुबह के 8 बज रहे होंगे और रोशनी ज्यादा होगी। हालांकि, देश में सुपरमून देखने के इच्छुक लोग इस इवेंट को ऑनलाइन लाइव देख सकते हैं।क्या होता है सुपरमून?एक सुपरमून ऑर्बिट पृथ्वी के सबसे करीब होता है। हमारे ग्रह से ज्यादा नज़दीकी के कारण, चंद्रमा बहुत बड़ा और चमकीला दिखाई देता है। इस महीने का सुपर पिंक मून हमारे ग्रह से 3,56,907 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है और आमतौर पर पृथ्वी और चंद्रमा के बीच औसत दूरी 384,400 किलोमीटर होती है।
ज़रूरी नहीं है कि पूर्णिमा एक सुपरमून ही हो, क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर एक अण्डाकार कक्षा में घूमता है। पूरा चंद्रमा हमें तब भी दिखाई दे सकता है, जब वह हमारे ग्रह से ज्यादा दूरी पर हो। CNET की एक रिपोर्ट के अनुसार, 8 अप्रैल का सुपरमून इस साल का सबसे बड़ा और सबसे शानदार सुपरमून होगा।
इसे “पिंकमून” क्यों कहा जाता है?
जब बात फुल मून यानी पूर्णिमा के नाम की आती है, तो यह प्रक्रिया आमतौर पर मूल अमेरिकी क्षेत्रों और मौसमों पर निर्भर करती है। हालांकि ‘पिंक मून’ नाम का मतलब यह नहीं है कि इस दिन चंद्रमा का रंग गुलाबी दिखाई देता है, बल्कि यह नाम एक गुलाबी फूल (Phlox subulata) से आता है है, जो उत्तर अमेरिका के पूर्व में वसंत के समय खिलता है।