राजस्थान में पोटाश का एक विशाल भंडार मिला है, जिसके बाद अब पोटाश का आयात घटने की संभावना है। राजस्थान के मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने कहा, “भूगर्भ विज्ञान के अध्ययन से पुष्टि हुई है कि राजस्थान के नागोरे-गंगानगर बेसिन में लगभग 240 करोड़ टन पोटाश का भंडार है। यह भंडार श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर जिलों के हिस्सों में फैला हुआ है। यह भंडार दुनिया में घोषित पोटाश भंडार का लगभग पांच गुना हो सकता है।”
गुप्ता ने कहा, “भारत अपनी खपत का पोटाश आयात करता रहा है। वर्ष 2013-14 से 2018-19 तक लगभग 50 लाख टन पोटाश का आयात किया गया और प्रति वर्ष इसकी मांग में छह-सात प्रतिशत की वृद्धि के कारण आयात बिल बढ़ता जा रहा है। केंद्र सरकार विदेशी मुद्रा पर भारी खर्च उठाने के साथ ही प्रति वर्ष सब्सिडी पर 10,000-15,000 करोड़ रुपये का खर्च उठाती है। लेकिन राजस्थान में पोटाश का भंडार पाए जाने के बाद अब परिदृश्य बदल सकता है और हम आयतक के बदले नियार्तक बन सकते हैं।”
गुप्ता शुक्रवार को नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में आयोजित एक स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन मीटिंग में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक समयबद्ध कार्ययोजना के बनाने की निर्णय लिया है, जो राजस्थान सरकार और एक निजी कंपनी के बीच प्रस्तावित एमओयू के छह महीने के अंदर पूरी हो जाएगी।
गुप्ता ने कहा कि खदान विभाग सचिव (एम एंड पी), जीओआर के निदेर्शन में एक राज्य मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट बनाने जा रही है, जो राज्य के विशाल खनिज संसाधनों की खोज और उनके दोहन का काम देखेगा।